अस्थमा के कारण | Causes of Asthma
अस्थमा के कारण: अस्थमा, जिसे हिंदी में दमा भी कहा जाता है एक श्वसन तंत्र की बीमारी है जिसमें श्वसन नलिकाओं में सूजन और संकुचन होता है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं जो निम्नलिखित हैं:
अस्थमा में आनुवंशिक कारक (Genetic Factors):
अगर परिवार में किसी को अस्थमा है तो दूसरे सदस्यों को भी यह हो सकता है। यह एक आनुवंशिक बीमारी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ सकती है परिवार में होने का मतलब यह नहीं कि आपकी मम्मी पापा या भाई बहनों में अगर आपके चाचा या फिर चचेरे भाई या बहन या आपके पापा के कोई रिलेशन में किसी को है तो भी तो यह भी अस्थमा के कारण हो सकते है।
अस्थमा में पर्यावरणीय कारक (Environmental Factors):
पर्यावरण यानी कि एनवायरमेंट जहां आप रहते हैं वह जगह अगर काफी ज्यादा पोल्यूटेड है यानी कि प्रदूषण है तो यह भी एक मुख्य कारण हो सकता है कि आपके अंदर अस्थमा के लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाए प्रदूषण पर्यावरण जैसे की धूल, धुआं, पराग, और पालतू जानवरों के बाल जैसे पर्यावरणीय एलर्जेंस अस्थमा को उत्तेजित कर सकते हैं। वायु प्रदूषण भी अस्थमा के कारण हो सकते है।
एलर्जी के कारण अस्थमा (Allergies):
यह एक बहुत ध्यान देने वाली और बहुत ही महत्वपूर्ण बात है बहुत है लोगों को आपने देखा होगा कि उन्हें कुछ चीजों से एलर्जी होती है जैसे कुछ लोगों को धूल तेल एलर्जी है कुछ लोगों को बाहर गए तो प्रदूषित हवा से एलर्जी है कुछ लोगों को ऐसा भी होता है कि अगर कुछ खा लेते हैं तो कुछ खाद्य पदार्थ से भी कुछ लोगों को एलर्जी है पूजा जाना आपके लिए बहुत जरूरी है यह भी एक प्रकार के अस्थमा होने के लक्षण है अगर आपके साथ या आपके आसपास जानने वाले किसी भी लोग के साथ ऐसा है तो कृपया करके उन्हें जितनी जल्द से जल्द हो सके मेडिकल सलाह ले लेनी चाहिए, यह भी अस्थमा के कारण हो सकते है।
धूम्रपान के कारण अस्थमा (Smoking):
धूम्रपान करने वाले लोगों में अस्थमा होने की संभावना अधिक होती है। और यहां ध्यान देने वाली बातें भी है कि अगर आप धूमपान जैसे बीड़ी सिगरेट पीते हैं तो इससे आपको तो डर है ही साथ में अगर आपके घर में बच्चे हैं तो उन्हें भी अस्थमा होने की संभावना बढ़ जाती तो इन चीजों का ध्यान रखें और जिम्मेदार बने घर के अंदर या फिर जहां बच्चे विशेष कर जहां नवजात बच्चे रहे वहां धूम्रपान पर कभी ना करें यह भी अस्थमा के कारण हो सकते है
व्यायाम के कारण अस्थमा (Exercise):
कुछ लोगों में व्यायाम के दौरान अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं जैसे कि कुछ लोग व्यायाम करते समय अपने आप को बहुत थका थका महसूस करते हैं और उनके स्वास्थ्य ज्यादा तेज हो जाती है जो की एक स्वस्थ और आप इंसान से ज्यादा होती है तो इसे भी आप आत्मा होने के लक्षण समझे और जीते जल्द हो सके आप इसका चेकअप कारण और इसका उचित इलाज करवाने की कोशिश करें इस कंडीशन को व्यायाम-प्रेरित (exercise-induced asthma) अस्थमा कहा जाता है।
संक्रमण के कारण अस्थमा (Infections):
संक्रमण (Infections) यह भी एक बहुत प्रमुख कारण है अस्थमा के लक्षण होने और आपको ऐसा लगता है तो आप तुरंत ही मेडिकल सहायता ले और इसे बढ़ाने से पहले ही रोक श्वसन तंत्र के संक्रमण जैसे सामान्य सर्दी, फ्लू, और ब्रोंकाइटिस, अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं यह भी अस्थमा के कारण हो सकते है।
तनाव के कारण अस्थमा (Stress):
मानसिक तनाव और चिंता भी अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं तो कृपया करके आप जब भी ऐसा महसूस करें कि आप जब भी तनाव में होते हैं या फिर किसी बात को लेकर के बहुत ज्यादा चिंतित रहते हैं तो आपको सांस लेने में दिक्कत होती है या फिर आप अनकंफरटेबल महसूस करते हैं शारीरिक रूप से तो ध्यान रहे कि यह अस्थमा के लक्षण हो सकते हैं यह भी अस्थमा के कारण हो सकते है।
अस्थमा के घरेलू उपाय | Home Remedies for Asthma
अस्थमा के लक्षणों को कम करने और सांस लेने में सुधार करने के लिए कई घरेलू उपाय किए जा सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख घरेलू उपाय दिए गए हैं ध्यान रहे किया घरेलू उपाय अस्थमा को ठीक करने के लिए नहीं है यह सिर्फ अस्थमा ना हो या फिर उसका लक्षण है तो समय रहते उसके रोकथाम के लिए दिए जा रहे हैं:
अदरक से अस्थमा के रोकथाम :
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो श्वसन तंत्र की सूजन को कम कर सकते हैं। आप अदरक की चाय बना सकते हैं या अदरक का रस शहद के साथ मिलाकर पी सकते हैं तो आप अदरक का इस्तेमाल जरूर करें और अगर आपको अस्थमा नहीं है फिर भी आप इसका एक संतुलित मात्रा में सेवन कर सकते हैं जो कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर रखेगी और भविष्य में आपको अस्थमा के होने की संभावना को कम करने में सहायक होगी।
लहसुन हो सकता है अस्थमा के रोकथाम में सहायक (Garlic):
आपके घर में पड़ा लहसुन जो कि आमतौर पर हर भारतीय घरों के किचन में उपलब्ध रहता है लहसुन एक मसाले के तौर पर देखा जाता है लेकिन यह आपको जानकर हैरानी होगी यह एक बहुत ही बड़ी औषधि है और इसके कई प्रकार के फायदे हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। 2-3 लहसुन की कलियों को दूध में उबालकर पीने से अस्थमा के लक्षणों में राहत मिल सकती है क्या फिर लहसुन को सुबह-सुबह ब्रश करके खाली पेट भी आप दो-तीन कलियां खा सकते हैं।
हल्दी से अस्थमा के रोकथाम (Turmeric):
हर भारतीय घरों घरों के किचन में एक चीज तो आपको अवश्य ही मिलेगी उसका नाम है हल्दी यह एक ऐसा मसला है जो कि हर भारतीय घरों के किचन में अवश्य ही मिलता है और यह सिर्फ एक मसाला नहीं बल्कि बहुत बड़ी औषधि है और इसके बहुत बड़े-बड़े गुण हैं हल्दी में करक्यूमिन होता है जो एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है। हल्दी दूध के कितने ज्यादा फायदे हैं की हल्दी दूध को गोल्डन लिक के नाम से भी जाना जाता है हल्दी दूध पीने से श्वसन तंत्र की सूजन कम हो सकती है। जिससे कि आपको अस्थमा को ठीक करने में या फिर अस्थमा के रोग थम में काफी सहायक मददगार होती है
नीलगिरी तेल से अस्थमा के रोकथाम (Eucalyptus Oil):
नीलगिरी तेल एक भी अस्थमा के रूप में काफी सहायक होती है नीलगिरी तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसे पानी में मिलाकर भाप लेने से श्वसन नलिकाओं की सूजन कम हो सकती है।
तुलसी से अस्थमा के रोकथाम (Basil):
तुलसी का पौधा यह एक ऐसा पौधा है कि शायद आप इसके बारे में अवश्य जानते होंगे और अगर नहीं जानते हैं तो आपको हम यह बता दे की तुलसी का पौधा एक बहुत ही औषधि गुना वाला पौधा है इसके औषधि के गुना को देखते हुए हमारे पूर्वजों ने इसको हर घर के आंगन में होना अनिवार्य कर दिया था और इसकी औषधि गुना को देखते हुए यहां तक की हर घर के आंगन में तुलसी के पौधे की पूजा भी की जाती थी जो की अब धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं तुलसी के पत्ते चबाने या तुलसी की चाय पीने से अस्थमा के लक्षणों में राहत मिल सकती है। तुलसी के पत्ते का सेवन या फिर उसका चाय बनाकर पीने से आपको बहुत ही ज्यादा फायदे होते हैं और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कई गुना बढ़ जाती है तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जोकि शरीर में किसी भी प्रकार के रोग से या फिर रोग के आने से रोकथाम में बहुत ज्यादा सहायक होती है।
शहद से अस्थमा के रोकथाम (Honey):
इसी प्रकार हमारे घरों में एक और चीज बहुत ही आसानी से या फिर भारतीय बाजारों में बहुत ही आसानी से मिल जाती है वह है शहद सब जिसका सेवन करने से कई प्रकार के फायदे होते हैं और शहद का सेवन श्वसन तंत्र को आराम देता है और खांसी को कम करता है। आप एक चम्मच शहद को गर्म पानी या चाय में मिलाकर पी सकते हैं।
भाप लेना से अस्थमा के रोकथाम (Steam Inhalation):
गर्म पानी में भाप लेना श्वसन नलिकाओं को खोलने में मदद करता है और बलगम को पतला करता है जिससे सांस लेना आसान हो जाता है। जिसके फल स्वरुप अस्थमा में होने वाले दिक्कत से आपको थोड़ी बहुत राहत मिलती है और इसका रोजाना नियमित इस्तेमाल करने से काफी ज्यादा राहत मिल सकती है.
कॉफी से अस्थमा के रोकथाम (Coffee):
कॉफी में कैफीन होता है जो एक प्राकृतिक ब्रोंकोडायलेटर है और श्वसन नलिकाओं को खोलने में मदद करता है। दिन में 1-2 कप कॉफी पीने से अस्थमा के लक्षणों में राहत मिल सकती है।
अंजीर से अस्थमा के रोकथाम (Figs):
अंजीर में फाइबर होता है जो श्वसन तंत्र को साफ करने में मदद करता है। रात में कुछ सूखे अंजीर पानी में भिगो दें और सुबह खाने से अस्थमा के लक्षणों में सुधार हो सकता है।
योग और प्राणायाम से अस्थमा के रोकथाम (Yoga and Pranayama):
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह पूरी तरह से ठीक कभी नहीं होती इसे सिर्फ आप संतुलित कर सकते हैं चाहे वह दबाव के माध्यम से हो या फिर घरेलू उपचार के माध्यम से पर हमारे प्राचीन काल में अस्थमा को भी योग के माध्यम से ठीक किया जा सकता था इसलिए आप नियमित रूप से योग का भी सहारा ले सकते हैं योग और प्राणायाम श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। भस्त्रिका, कपालभाति, और अनुलोम-विलोम प्राणायाम अस्थमा के लिए लाभदायक होते हैं।
अस्थमा के रोकथाम के लिए सुझाव | Tips for preventing asthma
- दवाओं का नियमित उपयोग: डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित उपयोग करें और किसी भी बदलाव के बारे में उन्हें सूचित करें।
- एलर्जी कारकों से बचें: उन एलर्जी कारकों से बचें जो अस्थमा के लक्षणों को उत्तेजित कर सकते हैं जैसे धूल, धुआं, पराग, और पालतू जानवरों के बाल।
- स्वास्थ्यकर जीवनशैली अपनाएं: संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें, और पर्याप्त नींद लें। तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें।
- स्वच्छता बनाए रखें: अपने घर को साफ और धूल मुक्त रखें। नियमित रूप से बिस्तर की चादरें और तकिए के कवर बदलें।
- धूम्रपान से बचें: धूम्रपान और धूम्रपान करने वाले लोगों से दूर रहें, क्योंकि यह अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
- स्वास्थ्य जांच कराएं: नियमित रूप से डॉक्टर से मिलें और अपनी स्वास्थ्य स्थिति की जांच कराएं। किसी भी नई समस्या के बारे में तुरंत जानकारी दें।
अस्थमा एक गंभीर स्थिति हो सकती है, लेकिन सही घरेलू उपायों, दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के साथ इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि घरेलू उपायों से राहत नहीं मिलती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अस्थमा क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
अस्थमा का प्रबंधन केवल दवाइयां लेने और ट्रिगर्स से बचने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सही आहार का चुनाव करना भी शामिल है। कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को कम करने और फेफड़ों के कार्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं, जबकि अन्य लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं या उन्हें और भी बदतर बना सकते हैं। यहां अस्थमा होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, इस पर एक मार्गदर्शिका दी गई है:
अस्थमा में क्या खाना चाहिए
हरि फल और सब्जियां से अस्थमा में रोकथाम:
लाभ: एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन्स, और खनिजों से भरपूर होते हैं जो सूजन को कम कर सकते हैं।
उदाहरण: सेब, केले, बेरीज़, पत्तेदार सब्जियां, गाजर, और टमाटर।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स हो सकता है अस्थमा में सहायक:
लाभ: ओमेगा-3 फैटी एसिड्स में सूजन-रोधी गुण होते हैं।
उदाहरण: फैटी मछली (सामन, मैकेरल, सार्डिन), फ्लैक्ससीड्स, चिया सीड्स, और अखरोट।
विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ:
लाभ: विटामिन डी इम्यून फंक्शन को को बढ़ाता है जिसके फल स्वरुप अथवा मरीज को भी राहत देता है और अस्थमा के लक्षणों को कम कर सकता है।
उदाहरण: अंडे, फोर्टिफाइड दूध, मशरूम, और फैटी मछली।
मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ से अस्थमा में रोकथाम:
लाभ: मैग्नीशियम ब्रॉन्कियल मसल्स को आराम देने और फेफड़ों के कार्य को सुधारने में मदद करता है।
उदाहरण: पालक, कद्दू के बीज, बादाम, और डार्क चॉकलेट।
मोटे अनाज से अस्थमा में फायदे:
लाभ: फाइबर से भरपूर, जो स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद कर सकता है और इस प्रकार अस्थमा के लक्षणों को कम कर सकता है।
उदाहरण: ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ, और पूरी गेहूं।
प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ:
लाभ: प्रोबायोटिक्स आंत के स्वास्थ्य को समर्थन दे सकते हैं और संभावित रूप से अस्थमा की गंभीरता को कम कर सकते हैं।
उदाहरण: दही, केफिर, सौकरकूट, और किमची।
पानी:
लाभ: हाइड्रेटेड रहने से एयरवेज़ नम रहते हैं और म्यूकस पतला हो सकता है।
उदाहरण: दिनभर पर्याप्त पानी पीना।
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अस्थमा में क्या नहीं खाना चाहिए.
प्रोसेस्ड और फास्ट फूड्स:
जोखिम: अस्वास्थ्यकर वसा, नमक, और चीनी से भरपूर, जो सूजन को बढ़ा सकते हैं।
उदाहरण: चिप्स, तले हुए खाद्य पदार्थ, शक्कर युक्त स्नैक्स, और सोडा।
सल्फाइट्स युक्त खाद्य पदार्थ:
जोखिम: सल्फाइट्स कुछ व्यक्तियों में अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं।
उदाहरण: सूखे फल, बोतल वाले नींबू या चूने का रस, वाइन, और अचार।
डेयरी उत्पाद (कुछ व्यक्तियों के लिए):
जोखिम: डेयरी कुछ लोगों में अतिरिक्त म्यूकस पैदा कर सकता है, जो अस्थमा को बिगाड़ सकता है।
उदाहरण: दूध, पनीर, और आइसक्रीम।
नमक युक्त खाद्य पदार्थ:
जोखिम: उच्च सोडियम सेवन सूजन को बढ़ा सकता है।
उदाहरण: प्रोसेस्ड मीट, डिब्बाबंद सूप, और नमकीन स्नैक्स।
खाद्य एलर्जन्स:
जोखिम: मूंगफली, शैलफिश, या ग्लूटेन जैसे एलर्जन्स अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं।
उदाहरण: मूंगफली का मक्खन, झींगा, और गेहूं आधारित उत्पाद।
अम्लीय खाद्य पदार्थ:
जोखिम: एसिड रिफ्लक्स अस्थमा के लक्षणों को बिगाड़ सकता है।
उदाहरण: खट्टे फल, टमाटर, और मसालेदार खाद्य पदार्थ।
प्रिजरवेटिव्स और एडिटिव्स:
जोखिम: कुछ प्रिजरवेटिव्स और एडिटिव्स अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं।
उदाहरण: प्रोसेस्ड फूड्स में पाए जाने वाले कृत्रिम रंग, फ्लेवरिंग्स, और प्रिजरवेटिव्स।
अस्थमा में आहार का अतिरिक्त सुझाव.
स्वस्थ वजन बनाए रखें: अधिक वजन अस्थमा के लक्षणों को खराब कर सकता है। संतुलित आहार खाने और नियमित व्यायाम करने से स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।
खाद्य ट्रिगर्स की निगरानी करें: एक फूड डायरी रखें ताकि आप यह ट्रैक कर सकें कि आप क्या खाते हैं और यह अस्थमा के लक्षणों को कैसे प्रभावित करता है। इससे विशिष्ट ट्रिगर्स की पहचान और उनसे बचाव में मदद मिलती है।
छोटे भोजन खाएं: बड़े भोजन आपके डायफ्राम को दबा सकते हैं और सांस लेना मुश्किल कर सकते हैं। छोटे, अधिक बार भोजन करने से मदद मिलती है।
आहार विशेषज्ञ से परामर्श करें: एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ आपकी विशिष्ट अस्थमा ट्रिगर्स और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक व्यक्तिगत भोजन योजना बनाने में मदद कर सकता है।
निष्कर्ष
हालांकि केवल आहार से अस्थमा का इलाज नहीं किया जा सकता है, सही आहार विकल्प बनाना लक्षणों के प्रबंधन और समग्र स्वास्थ्य में सुधार में काफी मदद कर सकता है। फलों, सब्जियों, और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे सूजन-रोधी खाद्य पदार्थों को शामिल करना और सल्फाइट्स, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों, और ज्ञात एलर्जन्स से बचना अस्थमा प्रबंधन योजना में एक बड़ा अंतर ला सकता है। अपनी आहार योजना में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने से पहले हमेशा अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता या आहार विशेषज्ञ से परामर्श करें, खासकर यदि आपको खाद्य एलर्जी या अन्य स्वास्थ्य स्थितियां हैं।
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FAQs
अस्थमा के साथ स्वस्थ आहार बनाए रखना क्यों महत्वपूर्ण है?
स्वस्थ आहार सूजन को कम करने प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करने और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है। यह समग्र फेफड़ों के कार्य को बेहतर बना सकता है और अस्थमा के हमलों की आवृत्ति और गंभीरता को कम कर सकता है।
क्या खाने से अस्थमा को ठीक कर सकते हैं?
नहीं, अस्थमा का कोई इलाज नहीं है लेकिन एक स्वस्थ आहार लक्षणों को प्रबंधित करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है। स्वस्थ आहार बनाए रखने के अलावा चिकित्सा सलाह का पालन करना और निर्धारित दवाओं का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
वजन अस्थमा को कैसे प्रभावित करता है?
अधिक वजन फेफड़ों और वायुमार्ग पर अतिरिक्त दबाव डालकर अस्थमा के लक्षणों को खराब कर सकता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखने से सांस लेने में सुधार और अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
क्या कोई ऐसा Drink है जो अस्थमा में मदद कर सकता है?
बहुत सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना वायुमार्ग को नम रखने और बलगम के निर्माण को कम करने के लिए फायदेमंद है। अदरक या पुदीने की चाय जैसी कुछ हर्बल चाय श्वसन तंत्र को शांत करने में मदद कर सकती हैं लेकिन कैफीनयुक्त या शर्करा युक्त पेय से बचना महत्वपूर्ण है।
क्या अस्थमा से पीड़ित लोगों को व्यायाम से बचना चाहिए?
नहीं, व्यायाम समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और वास्तव में फेफड़ों के कार्य को बेहतर बना सकता है। हालाँकि, अस्थमा से पीड़ित लोगों को अपनी स्थिति के अनुकूल गतिविधियाँ चुननी चाहिए और अत्यधिक तापमान या प्रदूषित वातावरण में व्यायाम करने से बचना चाहिए। डॉक्टर द्वारा सुझाए जाने पर व्यायाम करने से पहले निर्धारित इनहेलर या दवाएँ लेना महत्वपूर्ण है।
अस्थमा में क्या खाना चाहिए कैसे जाने ?
खाने की डायरी रखने से आप यह ट्रैक कर सकते हैं कि आप क्या खाते हैं और यह आपके अस्थमा के लक्षणों को कैसे प्रभावित करता है। अगर आपको संदेह है कि कुछ खाद्य पदार्थ आपके अस्थमा को ट्रिगर कर रहे हैं तो उन्हें एक-एक करके खत्म करने का प्रयास करें और अपने लक्षणों की निगरानी करें। उचित परीक्षण और मार्गदर्शन के लिए किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता या एलर्जी विशेषज्ञ से परामर्श करें।
क्या सप्लीमेंट अस्थमा को रोकथाम करने में मदद कर सकते हैं?
ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन डी और मैग्नीशियम जैसे कुछ सप्लीमेंट सूजन को कम करने और समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकते हैं। हालाँकि, किसी भी सप्लीमेंट को शुरू करने से पहले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकते हैं या उनके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
अस्थमा के रोकथाम में एलर्जी विशेषज्ञ या आहार विशेषज्ञ की क्या भूमिका है?
एलर्जिस्ट अस्थमा को ट्रिगर करने वाले विशिष्ट एलर्जेंस की पहचान करने और उपचार के विकल्प प्रदान करने में मदद कर सकता है। एक आहार विशेषज्ञ एक व्यक्तिगत भोजन योजना बना सकता है जो समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करती है और लाभकारी खाद्य पदार्थों को शामिल करके और ट्रिगर्स से बचकर अस्थमा के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करती है।
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